Saturday 11 April 2015

हस्तरेखा ज्ञानPalmistry in Hindi

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रेखाओं का खेल ही है मुकद्दर, रेखाओं से मात खा रहे हो"
बड़े-बुजुर्ग अकसर कहते हैं कि हमारी किस्मत हमारे हाथ में ही होती है। यह किस्मत हाथ की उन रेखाओं में भी समाई हुई है जो समय के साथ बदलती रहती हैं। हाथ की इन्हीं रेखाओं के अध्यन को हस्त रेखा (Hast Rekha) विज्ञान कहा जाता है। 
हस्तरेखा (Palmistry in Hindi): हस्त रेखा विज्ञान बेहद प्राचीन है। प्राचीन वेदों में भी हाथ देखकर भविष्य की गणना करने के साक्ष्य मौजुद हैं। सबसे अधिक प्रभावी और विस्तृत रूप से हस्त रेखा विज्ञान (History of Palm Reading) का वर्णन सामुद्रिक शास्त्र में पाया गया है। 
हाथ की रेखाएं (Palm Lines): हस्त रेखा शास्त्र में कई तरह की रेखाओं के महत्व को दर्शाया गया है लेकिन मुख्य रूप से सात रेखाओं (Main Palm Lines) को ही अहम स्थान दिया गया है। इन रेखाओं को पढ़ने के लिए विशेष ज्ञान की आवश्यकता होती है। आइए जानें इन रेखाओं के बारें में:

जीवन रेखा


हाथों की लकीरों में ही इंसान के जीवन-मरण का सारा रहस्य छुपा होता है। जीवन चक्र के इस रहस्य को बताने वाली इस रेखा को ही जीवन रेखा (Life Line in Hands/ Palm) कहा जाता है। 
जीवन रेखा कहां होती है? (Life Line in Hand): जीवन रेखा का घेराव अंगुठे के निचले क्षेत्र में होता है। यह शुक्र का क्षेत्र माना जाता है। यह रेखा तर्जनी और अंगुठे के मध्य से शुरु होकर मणिबंध तक जाती है। इसका फैलाव एक आर्क की तरह होता है। 

जीवन रेखा का फल (Life Line Reading in Hindi): जीवन रेखा को पढ़ने (Read Life Line in Palmistry in Hindi) से ही इंसान की आयु और उसके जीवन में रोगों आदि का पता चल पाता है। 
* जीवन रेखा लंबी,पतली, साफ हो और बिना किसी रुकावट के होनी चाहिए। 
* अगर जातक के हाथों में जीवन रेखा पर कई जगह छोटी-छोटी रेखाएं कट या क्रॉस (Meaning of Cross on life line in Hindi) कर रही हैं तो यह अच्छी सूचना नहीं देते। 
* जीवन रेखा पर अगर कहीं रेखाएं स्टार का निशान बनाएं तो यह रीढ़ की हड्डी से संबंधित बिमारियों की निशानी होती है। सफेद बिंदु आंखो की समस्या को दर्शाता है। जीवन रेखा पर काला धब्बा या तिल या क्रॉस एक्सीडेंट की तरफ इशारा करते हैं। लेकिन अगर यह इन को पार कर जाए तो इसका अर्थ है कि जातक जीवन में परेशानियों से देर-सवेर उबर ही जाएगा।



विवाह रेखा

शादी के बिना समाज में स्त्री और पुरुष का रिश्ता मान्य नहीं होता। जीवन में विवाह के बारें में सटीक भविष्यवाणी करनी हो तो ज्योतिषी हाथों की विवाह रेखा (Marriage Lines in Palm) का अध्ययन करते हैं।
कहां होती हैं विवाह रेखा? (Marriage And Love Lines Reading in Hand): विवाह रेखा कनिष्टका यानि सबसे छोटी ऊंगली के निचले हिस्से में जिसे बुध पर्वत कहते हैं वहां आड़ी होती हैं। यह कई जातकों के हाथों में एक तो कई के हाथों में कई भी होती है। 


विवाह रेखा का फल (Marriage Line Reading in Hindi): एक से अधिक विवाह रेखाओं के संदर्भ में वह रेखा मान्य होती है जो सबसे अधिक गहरी और स्पष्ट हो बाकि रेखा संबंधों के बिछड़ने या टूटने के संकेत देती है। 
* अधिक विवाह रेखाएं तलाक, विवाहोत्तर संबंध, बेवफा रिश्तों आदि की संकेतक होती है। 
* अगर दो विवाह रेखाएं हैं और एक स्पष्ट बेहद गहरी और दूसरी महीन लेकिन बुध पर्वत तक विकसीत है तो यह जातक के जीवन में दो शादियों की सूचना देती है।
* अगर विवाह रेखा ऊपर की तरफ आती हुई हृदय रेखा (Marriage Line Touches Heart Line) से मिले या फिर विवाह रेखा पर तिल हो या क्रॉस का निशान हो तो शादी में बहुत कठिनाइयां होती हैं। 
* विवाह रेखा स्वास्थ्य रेखा से स्पर्श करे तो भी विवाह नहीं होता है। अगर विवाह रेखा पर एक से अधिक द्वीप हों या काला तिल हो तो यह जीवन भर अविवाहित होने का भय पैदा करता है।


भाग्य रेखा



हस्तरेखाओं में भाग्य रेखा (Fate Line in Palmistry in Hindi) को सबसे अहम माना जाता है। 
कहां होती है भाग्य रेखा ? (Where is Fate Line in Hand): भाग्य रेखा हृदय रेखा के मध्य से शुरु होकर मणिबन्ध तक जाती है। इस रेखा का उद्गम अधिकतर मध्यमा या शनि पर्वत से होता है। 
सीधे शब्दों में समझें तो जो रेखा मध्यमा यानि पंजे की बीच वाली लंबी उंगुली के नीचे से शुरु होकर ऊपर तक जाती है उसे ही भाग्य रेखा कहते हैं। कई जातकों के हाथों में यह मणिबंध यानि कलाई की रेखाओं तक भी जाती है।

भाग्य रेखा का फल (Fate Line Reading in Hindi): सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार जिस जातक के हाथों में भाग्यरेखा जितनी अधिक गहरी और लंबी होती है उसका भाग्य उतना अधिक अच्छा होता है। लेकिन भाग्य रेखा का फीका या कटा होना अशुभ माना जाता है। 
* मान्यता है कि जिस बिन्दु पर भाग्य रेखा को कोई रेखा काटती है उस वर्ष मनुष्य को भाग्य या धन की हानि होती है। 
* अगर भाग्य रेखा जगह-जगह से टूटी (Broken Fate Line in Palmisty) हुई हो और शनि पर्वत से मणिबंध तक भी तो भी इसका खास महत्व नहीं होता। टूटी रेखाएं जीवन में भाग्य के समय-समय पर साथ छोड़ देने की निशानी बताएं गए हैं।


संतान रेखा

भाग्य में संतान सुख का प्रमाण ज्योतिष के अनुसार कई चीजों में होता है जैसे कुंडली या हस्त रेखाओं में। हाथ की संतान रेखा (Santan Rekha or Kids Line in Hands) भाग्य में संतान सुख की एक बेहद अहम निशानी है। 
कहां होती है संतान रेखा? (Line of Children or Santan Rekha in Palmistry in Hindi): संतान रेखाएं ठीक विवाह रेखा के ऊपर होती हैं। बुध पर्वत यानि छोटी अंगुली के ठीक नीचे के भाग में विवाह रेखा होती है| वहीं मौजुद खड़ी रेखाएं संतान रेखा कहलाती हैं। संतान प्राप्ति के योगों को कई अन्य रेखाएं भी प्रभावित करती हैं जैसे मणिबंध रेखा, अंगुठे के नीचे पाई जाने वाली छोटी रेखा आदि। 

कैसे पढ़े संतान रेखा (How to Read Santan Rekha): संतान रेखा स्पष्ट हैं तो इसका अर्थ है संतान अच्छी और माता पिता का सम्मान करने वाली होगी। 
* अस्पष्ट और टूटी रेखाएं बच्चें के स्वास्थ्य को प्रभावित करती हैं। 
* इसके अलावा संतान योग को मणिबंध रेखाएं भी प्रभावित करती हैं। यदि पहली मणिबंध रेखा का झुकाव कलाई की तरफ है और वह हथेली में प्रविष्ट होती दिखे तो इसका अर्थ है जातक को संतान प्राप्ति में दुख होंगे।
मणिबंध रेखा



हाथ की सभी रेखाओं का सामुद्रिक शास्त्र में कुछ ना कुछ महत्व बताया गया है। हाथ की कलाई पर बनी मणिबंध रेखाओं (Bracelet lines) का भी भविष्यकथन में अहम स्थान है। 
मणिबंध रेखाओं की पहचान (Bracelets Line on Hand): यह हाथ की कलाई पर शुरुआत में बनी होती है। यह किसी की कलाई पर तीन तो किसी की कलाई पर दो या चार भी होती हैं। यह रेखा आयु, स्वास्थ्य और संतान आदि की भविष्यवाणी करती है। 
मणिबंध रेखा पढ़ने के नियम (How to read bracelet lines): मणिबंध रेखाएं आयु से जोड़कर भी देखी जाती है। 
* सामुद्रिक शास्त्र और अन्य शास्त्रों के अनुसार एक मणिबंध रेखा 25 वर्ष की आयु को दर्शाती है। इसी तरह दो हो तो जातक की आयु 50, तीन हो तो 75 और अगर चार मणिबंध रेखा हो तो जातक बेहद सफल, संपन्न और दीर्घायु होता है। 
* मणिबंध रेखा से अगर कोई रेखा निकलकर चन्द्र पर्वत की तरफ जाए जीवन में विदेश यात्रा के योग बनते हैं। 
* दो या चार मणिबंध रेखाओं (Bracelet lines in Palmistry) का होना जातक के जीवन प्रथम संतान कन्या के होने का संकेत देती हैं और विषम जैसे एक और तीन मणिबंध रेखाएं (Bracelet lines) प्रथम संतान के पुत्र होने का संकेत देती हैं।

हृदय रेखा


जीवन में प्यार के सभी अहसासों और प्यार की सारी कहानी को हृदय रेखाएं अपने अंदर समा कर रहती है। 
हृदय रेखा कहां होती है? (Heart Line in Hand): हथेली पर हृदय रेखा तर्जनी और मध्यमा के बीच से शुरु होकर हथेली के दूसरे छोर तक जाती है। कई जातकों की हथेली पर यह रेखा तर्जनी के निचले हिस्से से शुरु होती है तो कई जातकों की हथेली पर यह रेखा बेहद छोटी भी होती है। 

हृदय रेखा का फल (Heart Line Reading in Hindi): इस रेखा का विश्लेषण (Heart Line Palmistry Meaning in Hindi) कर यह बताया जा सकता है कि जीवन में प्रेम विवाह का योग है या नहीं। 
* जिन जातकों के हाथों में गहरी और स्पष्ट हृदय रेखाएं हों जो तर्जनी या मध्यमा या गुरु या शुक्र पर्वत पर खत्म हो रही हो उन्हें जातक जीवन में अपार सफलता हासिल होती है और प्रेम संबंधों में कामयाबी मिलती है। 
* लेकिन अगर किसी जातक के हाथों में हृदय रेखा का अंत तर्जनी या मध्यमा के मूल यानि नीचे की तरफ झुका हो उनपर प्यार के मामलों में भरोसा नहीं करना चाहिए। ऐसे पुरुष या स्त्री बेहद कामुक और बेवफाई के भावों से युक्त होते हैं।
मस्तिषक रेखा




किसी इंसान की बुद्धिमानी, समझदारी और पढ़ाई के बारें में भविष्यवाणी करने के लिए मस्तिष्क रेखा (Head Lines Palmistry) का अध्ययन किया जाता है। 
कहां होती है मस्तिष्क रेखा? (Head Line in Palmistry): हथेली के एक छोर से दूसरे छोर की तरफ जाने वाली रेखा मस्तिष्क रेखा कहलाती है। मस्तिष्क रेखा के पास से ही जीवन रेखा का उदय होता है। 
मस्तिषक रेखा से व्यक्ति की प्रतिभा, ऊर्जा, तर्कक्षमता आदि लक्षणों के बारें में जान सकते हैं। हालांकि यह जरूरी नहीं है कि मस्तिष्क रेखा हथेली के एक छोर से शुरु होकर दूसरे छोर तक ही जाएं। कई जातकों की हथेली (Head Line in Hand- Hindi) पर यह रेखा मध्य या हथेली के बीच तक ही सीमित होती है। या कई बार यह भाग्य रेखा से कटने के बाद क्षीण होकर खत्म हो जाती है।

मस्तिष्क रेखा का फल (Head Line Reading in Hindi): साफ, गहरी और लंबी मस्तिष्क रेखा जातक के अति कुशल और बुद्धिमान होने की निशानी है। सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार अगर मस्तिष्क रेखा बेहद स्पष्ट, बिना किसी सहायक रेखा द्वारा क्रॉस और सीधी खत्म होने वाली हो तो यह जीवन में उच्च शिक्षा प्राप्ति के योग बनाती है। 
* हल्की और अंत में अंग्रेजी का वी आकार (Forked Head Line Meaning in Hindi) बनाने वाली मस्तिष्क रेखा विचारों के भटकाव को दर्शाती है। 
* अगर मस्तिष्क रेखा हाथ पर कहीं झुकी हुई है यानि ऊपर की बजाय नीचे की तरफ जाए तो यह पागलपन की निशानी होती है।

सूर्य रेखा


हिन्दू ज्योतिषशास्त्रानुसार कई बार लोग बड़ी-बड़ी खोजें और बेहद दुर्लभ कार्य कर जाते हैं लेकिन कोई उनकी तारीफ नहीं करता, कोई उन्हें नहीं पूछता, ऐसे व्यक्तियों के जीवन में कमी यश रेखा या सूर्य रेखा की वजह से होती है। 
कहां होती है सूर्य रेखा? (Surya Rekha in Hand:) सूर्य रेखा अनामिक ऊंगली यानि रिंग फिंगर के निचले क्षेत्र में होती है जो सूर्य पर्वत से शुरु होकर ऊपर की तरफ जाती है। 
सूर्य पर्वत से लेकर मणिबंध तक जाने वाली सूर्य रेखा को असाधारण माना जाता है। ऐसी रेखा कलाकारों, नेताओं या बड़े सितारों के हाथों में आसानी से देखी जाती है। कई लोगों के हाथों में यह रेखा होती ही नहीं है।



जानें सूर्य रेखा के बारें में विशेष बातें (Sun Line in Palmistry and its different meanings): टूटी हुई सूर्य रेखा या हथेली पर सूर्य रेखा का ना होना अशुभ माना जाता है। हालांकि यह आम बात होती है क्यूंकि जरूरी नहीं कि हर इंसान यश प्राप्त करें। कई बार तो बड़े-बड़े वैज्ञानिकों के हाथ में भी यह रेखा नहीं होती। 
जिन जातकों के हाथों में सूर्य रेखा ना हो उन्हें सूर्य देव का उपवास और सूर्य देवता को जल चढ़ाना चाहिए। इसके अलावा शिवलिंग पर जल चढ़ाने और पीली वस्तुओं का दान देने से भी लाभ होता है। अगर सूर्य रेखा विवाह रेखा की किसी शाखा या अंगुठे की तरफ जाए तो यह विवाह के बाद भाग्योदय के संकेत देता है।

हस्तरेखा देखने के नियम
हर ज्योतिष शिक्षा की तरह हस्त रेखा परिक्षण (Palm Lines Reading in Hand) के लिए भी कुछ नियम हैं । अगर आप किसी का हाथ देखना या अपना हाथ दिखाना चाहते हैं तो आपको इन बातों का ज्ञान होना ही चाहिए। कुछ अन्य नियम (Know How To Read Palm Lines) इस प्रकार है: 
* सुबह के समय ही हाथ देखना चाहिए. 
* सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार हाथ दिखाने वाले जातक को अधिक खाना खाने के तुरंत बाद या भारी काम करने के बाद हाथ नहीं दिखाना चाहिए क्यूंकि ऐसे समय में हाथों में रक्त का प्रवाह भिन्न हो सकता है जिससे हथेली का रंग देखने में परेशानी आ सकती है। 
* ठंडे दिमाग और शांत चित्त होकर ही हाथ दिखाना चाहिए। 
* सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार पुरुष के दाएं यानि सीधे हाथ और महिलाओं के बाएं यानि उलटे हाथ को देख भविष्यवाणी करने की सलाह देते हैं। 
* दोपहर या रात्रि के समय हस्तरेखाओं का आंकलन करना वर्जित है। सबसे पहले मणिबंध फिर दोनों हाथों को जांचने के बाद ही भविष्यकथन की शुरुआत करनी चाहिए आदि।
नोट: आस्था और अंधविश्वास के बीच बेहद महीन रेखा होती है जिसे कतई पार ना करें। हस्त ज्योतिष या हस्त विज्ञान (Palmistry in Hindi) को अभी तक विज्ञान की कसौटी पर पूर्णत: खरा नहीं बताया गया है। धूर्त पंडितों और झोला छाप ज्योतिषियों से सावधान रहें। याद रखें कि कर्म ही प्रधान है, कर्म ही भूत है कर्म ही भविष्य और कर्म से ही आपका वर्तमान बन रहा है, कर्म पर ध्यान दें सब सही होगा।

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