जन्म कुंडली (Janam Kundali)
जन्म कुंडली (Janam Kundali): जन्म कुंडली को कई लोग जन्म पत्रिका, वैदिक कुंडली, हिन्दू कुंडली आदि के नाम से भी जानते हैं। ऐसी कुंडली (Birth Chart) बनाते समय जातक के जन्म के समय नक्षत्रों और ग्रहों की सटिक स्थिति का आंकलन कर फलादेश बनाया जाता है।
जन्म समय के जन्म स्थान के रेखांश (Longitude) व अक्षांश (Latitude) के आधार पर ज्योतिषिय गणना कर सितारों और नक्षत्र के विषय में गणना करने के पश्चात एक ऐसी पत्रिका तैयार की जाती है जिसमें जातक के आने वाले भविष्य के बारें में बहुत ही भविष्यवाणी की जाती है। भारत में ज्यादातर परिवारों में कुंडली के आधार पर ही बच्चों का नामकरण होता है और शादी-विवाह आदि में भी इसको प्राथमिकता दी जाती है।कैसे बनाएं कुंडली (How to make Kundali): कुंडली बनाने का कार्य मुख्य रूप से पंडित या ब्राह्ममण करते हैं लेकिन आज इंटरनेट ने अपना विस्तार इस तरह किया है कि ज्योतिष की इस अहम शाखा में भी उसकी पहुंच हो गई है। आज कई वेबसाइट्स और सॉफ़्टवेयर (Free Hindi Kundali Software) भी कुंडली बनाती हैं। इनमें से कई तो आपको पूर्ण हिन्दी या अंग्रेजी में भी कुंडली (Kundali in Hindi) उपलब्ध कराते हैं।
जन्म कुंडली (Janam Kundali in Hindi) बनाते हुए जातक का सही जन्म समय बेहद अहम होता है। माना जाता है कि जन्म समय सही होने पर नवांश और दसवांश जैसे महत्वपूर्ण कारकों की जानकारी मिल जाती है। लेकिन इसके ना पता होने की सूरत में कुंडली भरोसेमंद नहीं मानी जाती।
अगर जन्म समय ना पता हो तो (What to do if you don’t know Birth Time): पराशीय पद्धति के अनुसार अगर जातक के सही जन्म समय का ज्ञान नहीं है तो कुंडली बनाने के बाद जातक के व्यवहार और उसके जीवन में घटित घटनाओं के आधार पर इसकी जांच कर लेनी चाहिए। और अगर यह ना मिले तो फलादेश प्रश्न कुंडली के आधार पर की जानी चाहिए। प्रश्न कुंडली भी एक तरह की कुंडली है लेकिन इसमें जन्म समय की जगह जिस समय कुंडली बनाई जाती है उस समय के ग्रहों की स्थिति की गणना की जाती है।
अगर जन्म समय ना पता हो तो (What to do if you don’t know Birth Time): पराशीय पद्धति के अनुसार अगर जातक के सही जन्म समय का ज्ञान नहीं है तो कुंडली बनाने के बाद जातक के व्यवहार और उसके जीवन में घटित घटनाओं के आधार पर इसकी जांच कर लेनी चाहिए। और अगर यह ना मिले तो फलादेश प्रश्न कुंडली के आधार पर की जानी चाहिए। प्रश्न कुंडली भी एक तरह की कुंडली है लेकिन इसमें जन्म समय की जगह जिस समय कुंडली बनाई जाती है उस समय के ग्रहों की स्थिति की गणना की जाती है।
कुंडली मिलान (Kundali Matching): भारतीय ज्योतिष विज्ञान में सफल विवाह हेतु लड़के और लड़की के गुणों और कुंडली (Kundali and Gun Milan) का मिलान किया जाता है।
गुण मिलान (Gun Milan in Kundali): कुंडली को देखकर 36 गुणों के आधार पर यह मिलान किया जाता है। मान्यता है कि जितने ज्यादा गुण मिलते हैं जोड़ी उतनी ही अच्छी बनती है। भारतीय समाज में मान्यता है कि बिना कुंडली मिलान के की गई शादी के टूटने की संभावना रहती है।
ज्योतिषीय तथ्यों का कोई वैज्ञानिक प्रमाण तो नहीं है लेकिन वर्षों के अनुभव के आधार पर ज्योतिषी गुण मिलान (Kundali Matching in Hindi) को एक सफल विवाह के लिए बेहद आवश्यक समझते हैं। अगर आप भी अपनी प्रेमी/प्रेमिका से विवाह करने की सोच रहे हैं तो एक बार अपनी कुंडलियां अवश्य मिला लें।
गुण मिलान (Gun Milan in Kundali): कुंडली को देखकर 36 गुणों के आधार पर यह मिलान किया जाता है। मान्यता है कि जितने ज्यादा गुण मिलते हैं जोड़ी उतनी ही अच्छी बनती है। भारतीय समाज में मान्यता है कि बिना कुंडली मिलान के की गई शादी के टूटने की संभावना रहती है।
ज्योतिषीय तथ्यों का कोई वैज्ञानिक प्रमाण तो नहीं है लेकिन वर्षों के अनुभव के आधार पर ज्योतिषी गुण मिलान (Kundali Matching in Hindi) को एक सफल विवाह के लिए बेहद आवश्यक समझते हैं। अगर आप भी अपनी प्रेमी/प्रेमिका से विवाह करने की सोच रहे हैं तो एक बार अपनी कुंडलियां अवश्य मिला लें।
विभिन्न कुंडली दोष
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