Monday 20 April 2015

दीपमलिका पर्व (Deepmalika Parv)

Deepmalika Parv
दीपमलिका जैन धर्म का महत्त्वपूर्ण आध्यात्मिक पर्व है। यह पर्व जैन धर्म के चौबीसवें तीर्थंकर प्रभु ‘महावीर’ निर्वाण महोत्सव के रूप में मनाया जाता है। मान्यता है कि तीर्थंकर श्री महावीर स्वामी का कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी की रात्रि को अवसान और अमावस के प्रात:काल निर्वाण हुआ था। 
दीपमलिका पर्व 2015 
साल 2015 में दीपमलिका पर्व या महावीर निर्वाण उत्सव 11 नवंबर को मनाया जाएगा।
जिनालय में निर्वाण उत्सव 
दीपमलिका पर्व के दिन श्रद्धालु सामयिक जाप करते हैं। मान्यता है कि इस शुद्ध वस्त्र धारण कर लड्डू और अष्ट द्रव्य द्वारा अभिषेक और नित्य पूजन के उपरांत भगवान महावीर सफल निर्वाण का पूजन करना चाहिए। इस दिन मंदिर में जाकर सामूहिक पूजा और निर्वाण लड्डू चढ़ाना समाज और देश के लिए शुभ माना जाता है। 
दीपमलिका पूजन की विधि (Deepmallika Pujan Vidhi) 
महावीर निर्वाण उत्सव की संध्या को जैन अनुयायी दीपमलिका पर्व मनाते हैं। मतानुसार प्रदोष काल में लक्ष्मी पूजा करना शुभ होता है। इस साल लक्ष्मी पूजा का शुभ समय सायं 05 बजकर 26 मिनट से लेकर आठ बजकर पांच मिनट तक का है।
इस दिन जैन अनुयायियों को गौतम स्वामी और माता लक्ष्मी-कुबेरादि की पूजा करनी चाहिए। मान्यता है कि इस दिन शुभ काल में लक्ष्मी जी पूजा करने लाभोन्नति, सौभाग्य, समृद्धि आदि की प्राप्ति होती है।

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