Thursday 30 April 2015

सामुद्रिक शास्त्र (अंग शास्त्र)Samudrik Shashtra in Hindi

Samudrik Shashtra in Hindi
भारत में भविष्य कथन की अनेकों पद्धतियां विद्यमान हैं। इन्हीं पद्धतियों में से एक है मनुष्य के अंगों और उसके लक्षण द्वारा भविष्य कथन करना। इस पद्धति का वर्णन "सामुद्रिक शास्त्र" में आता है।
क्या है सामुद्रिक शास्त्र? (What is Samudrik Shashtra) भविष्यपुराण के अनुसार भगवान कार्तिकेय ने एक ग्रंथ के रूप में लक्षण शास्त्र की रूपरेखा तैयार की थी। लेकिन इस ग्रंथ के पूरा होने से पहले ही भगवान शिव ने इसे समुद्र में फेंक दिया। जब शिव जी का गुस्सा शांत हुआ तो उन्होंने समुद्र से बचा हुआ कार्य पूरा करने को कहा और इस तरह इस शास्त्र को "सामुद्रिक शास्त्र" का नाम मिला। इस शास्त्र के अंतर्गत निम्न पद्धतियों द्वारा भविष्यवाणी की जाती है: 

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